मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों और उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है — फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर योजना। इस योजना के तहत, यदि आप कोई कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई (processing unit) लगाते हैं, तो आपको 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
यह योजना खेती से आगे बढ़कर मूल्यवर्धन (value addition) की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके।
क्या है फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर योजना?
यह योजना मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा चलाई जा रही है और इसका उद्देश्य है:
- किसानों की उपज को स्थानीय स्तर पर प्रोसेस करके बाज़ार में बेचना
- कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योग को बढ़ावा देना
- रोज़गार के अवसर पैदा करना
योजना के मुख्य लाभ
लाभ | विवरण |
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सब्सिडी | कुल परियोजना लागत का 50% तक, अधिकतम ₹2 करोड़ |
मार्केट सपोर्ट | उत्पादों को विपणन में सहयोग |
आधारभूत ढांचा | भूमि, बिजली, पानी, रोड कनेक्टिविटी में राज्य सरकार की मदद |
रोजगार | स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा |
किन इकाइयों को मिलेगा फायदा?
फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर योजना के अंतर्गत आप निम्नलिखित प्रकार की इकाइयाँ खोल सकते हैं:
1. धान, मक्का, गेहूं की मिलिंग यूनिट
2. फल-सब्ज़ियों की प्रोसेसिंग यूनिट (जैसे आचार, जैम, सॉस)
3. दूध और डेयरी आधारित उत्पाद
4. दलहन/तिलहन प्रसंस्करण इकाई
5. कोल्ड स्टोरेज और पैकेजिंग यूनिट
6. मसाला ग्राइंडिंग और प्रोसेसिंग यूनिट
आवेदन प्रक्रिया
यह योजना भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय (MoFPI) के तहत आती है।
सभी राज्यों — खासकर मध्यप्रदेश में इसे क्लस्टर स्तर पर लागू किया जा रहा है।
🔗 आवेदन करें या योजना पढ़ें:
👉 mofpi.gov.in/en/Schemes/agro-processing-cluster
जरूरी पात्रत
पात्रता | विवरण |
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📍 स्थान | किसी भी राज्य/क्लस्टर में भूमि होनी चाहिए |
🧾 भूमि | स्वयं की या लीज़ पर ली गई |
📋 प्रोजेक्ट रिपोर्ट | तकनीकी DPR अनिवार्य |
💳 बैंक खाता | योजना के नाम पर होना चाहिए |
📈 योजना | कम से कम ₹1 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट होना चाहिए |
एक उदाहरण: “सोयाबीन से सोया तेल” यूनिट
- परियोजना लागत: ₹40 लाख
- पात्र सब्सिडी: ₹20 लाख
- मासिक उत्पादन: 25,000 लीटर
- अनुमानित मुनाफा: ₹60,000 – ₹1 लाख प्रति माह
👉 एक किसान परिवार की आमदनी 3x तक बढ़ सकती है
किन जिलों में मिल रहा अधिक फोकस?
मध्यप्रदेश के यह जिले योजना के लिए हॉटस्पॉट माने जा रहे हैं:
जिला | संभावित क्लस्टर उत्पाद |
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छिंदवाड़ा | मक्का, सब्ज़ियाँ |
धार | सोयाबीन, गेहूं |
रीवा | टमाटर, लहसुन |
सागर | चना, मसाले |
नीमच | औषधीय पौधों पर आधारित उत्पाद |
योजना के तहत अनुमोदन प्रक्रिया
1. MOFPI पोर्टल पर आवेदन
2. प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अपलोड
3. राज्य Nodal Agency द्वारा समीक्षा
4. अप्रूवल मिलने पर 1–2 किश्तों में सब्सिडी ट्रांसफर
इस योजना से किसे फायदा मिलेगा?
✅ छोटे और मध्यम किसान जो ग्रुप बनाकर यूनिट लगाना चाहते हैं
✅ युवा उद्यमी जो खेती से आगे ‘फार्म-टू-फैक्ट्री’ मॉडल अपनाना चाहते हैं
✅ महिलाओं के SHG (स्वयं सहायता समूह)
✅ स्टार्टअप्स जो Rural Entrepreneurship करना चाहते हैं
किसान भाइयों से अपील
“किसान अगर केवल बेचने की बजाय प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में उतरें — तो मुनाफा 3x से 5x तक बढ़ सकता है।”
अब वक्त है खेती को बिज़नेस की तरह देखने का, और इसके लिए सरकार की यह योजना एक मजबूत आधार है।
आगे क्या करें?
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